Question :

संस्कृत से हिंदी में प्रयुक्त मूल शब्द से वर्तमान स्थायी तद्भव रुप तक पहुँचने के मध्य में, संस्कृत के अशुद्ध या टूटे-फूटे स्वरुप में प्रयुक्त होने वाले शब्द क्या कहलाते हैं?


A) तत्सम
B) विदेशी
C) देशज
D) अर्द्धतत्सम

Answer : D

Description :


संस्कृत से हिन्दी में प्रयुक्त मूल शब्द से वर्तमान स्थायी तद्भव रुप तक पहुँचने के मध्य में, संस्कृत के अशुद्ध या टूटे-फूटे स्वरुप में प्रयुक्त होने वाले शब्द ‘अर्द्धतत्सम’ कहलाते हैं।

 

तत्सम - किसी भाषा के मूल शब्द को ‘तत्सम’ कहते हैं।

विदेशी शब्द - विदेशी भाषाओं से हिन्दी भाषा में आए शब्दों को ‘विदेशी शब्द’ कहते हैं।

देशज - वे शब्द है, जिनकी व्युत्पत्ति का पता नहीं चलता।


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नीचे दिये ‘तत्सम- तद्भव’ शब्दों के युग्म में से कौन-सा युग्म त्रुटिपूर्ण है?


A) वचन-बैन
B) कपाट-कपडा
C) पुराण-पुरान
D) गम्भीर-गहरा

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‘गोधूम’ शब्द का तद्भव है-


A) गेहूँ
B) गाय
C) गोबर
D) गोधन

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‘मत्स्य’ शब्द का तद्भव रुप है।


A) मतवाली
B) मचली
C) मस्ती
D) मछली

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इनमें से कौन-सा शब्द तद्भव है?


A) औरस
B) पावस
C) दिगंत
D) पाश

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नीचे दिये गये विकल्पों में तत्सम शब्द का चयन कीजिए।


A) पड़ोसी
B) गोधूम
C) बहू
D) शहीद

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