Question :
A) सम मात्रिक छंद
B) विषम मात्रिक छंद
C) अर्द्धसम मात्रिक छंद
D) ये सभी
Answer : A
चारों चरणों में समान मात्रओं वाले छंद को क्या कहते हैं ?
A) सम मात्रिक छंद
B) विषम मात्रिक छंद
C) अर्द्धसम मात्रिक छंद
D) ये सभी
Answer : A
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कुम्हार अपना ही घड़ा सराहता है का अर्थ है -
A) अपनी ही प्रशंसा करना
B) अपनी बनाई हुई वस्तु सबको अच्छी लगती है
C) किसी को बोलने नहीं देना
D) दूसरों की वस्तु को तुच्छ समझना
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निर्देश :- नीचे दिए गए प्रत्येक प्रश्न में वाक्य के पहले और अंतिम भागों को क्रमश: 1 और 6 की संख्या दी गयी है | इनके बीच में आने वाले अंशो को चार भागों में बाँटकर य, र, ल, व, की संख्या दी गयी है | ये चारों भाग उचित क्रम में नहीं हैं इन्हें ध्यान से पढ़कर दिए गए विकल्पों में से उचित क्रम चुनिए जिससे वाक्य का निर्माण हो |
(1) जब तक प्रेमचन्द जी
(य) मुझे मुश्किल से घण्टे-आधे घण्टे का समय मिलता
(र) मेरे घर रहे
(ल) जब मैं उनके साथ चाय पीता था
(व) अन्यथा उनका समय अन्य व्यक्ति अधिकतर
(6) उनकी अनिच्छा से अपने अधिकार में कर लेते।
A) य व ल र
B) र य ल व
C) ल र व य
D) व य र ल
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चरण में वर्णो की संख्या (कम से अधिक) के आधार पर इन वर्णिक छंदों का सही अनुक्रम कौन-सा है ?
A) पीयूषवर्धक-रोला-गीतिका-चौपाई
B) रोला-गीतिका-चौपाई-पीयूषवर्धक
C) गीतिका-चौपाई- पीयूषवर्धक-रोला
D) चौपाई-पीयूषवर्धक- रोला-गीतिका