छंद का सर्वप्रथम उल्लेख कहाँ मिलता है ?
A) ऋग्वेद
B) यजुर्वेद
C) सामवेद
D) उपनिषद
Answer : A
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निर्देश :- नीचे दिए गए प्रत्येक प्रश्न में वाक्य के पहले और अंतिम भागों को क्रमश: 1 और 6 की संख्या दी गयी है | इनके बीच में आने वाले अंशो को चार भागों में बाँटकर य, र, ल, व, की संख्या दी गयी है | ये चारों भाग उचित क्रम में नहीं हैं इन्हें ध्यान से पढ़कर दिए गए विकल्पों में से उचित क्रम चुनिए जिससे वाक्य का निर्माण हो |
(1) हमें यह समझ लेना चाहिए कि
(य) एक सुन्दर स्वरुप है और यह भी मानना होगा कि
(र) धर्म की भाषा अधिक स्पष्ट, मूर्त्त और परिष्कृत
(ल) होती गई है और इसके लिए बहुत हद तक
(व) धर्म मानव जाति की मूलगत अनुभूनितों का
(6) विज्ञान ही उत्तरदायी है।
A) य र ल व
B) र ल व य
C) व य र ल
D) व य ल र
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नहिं पराग नहिं मधुर मधु, नहिं विकास यही काल।
अली कली ही सौ बंध्यो, आगे कौन हवाल।।
प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा छंद है ?
A) दोहा
B) सोरठा
C) बरवै
D) छप्पय
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हम जो कुछ देख रहे हैं, सुन्दर है सत्य नहीं है।
यह दृश्य जगत भासित है, बिन कर्म शिवत्व नहीं है।।
प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा छंद है ?
A) 14-14 मात्राओं की यति से 28 मात्राओं वाला मात्रिक छंद
B) 10-10 वर्णो की यति से 20 वर्णो वर्णिक छंद
C) 13-13 मात्राओं की यति से 26 मात्राओं वाला मात्रिक छंद
D) 15-15 मात्राओं की यति से 30 मात्राओं वाला मात्रिक छंद
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‘महाजन’ शब्द में समास है।
A) कर्मधारय समास
B) द्वन्द् समास
C) द्विगु समास
D) अव्ययीभाव समास