Question :

काठ की हाँड़ी बार-बार नहीं चढ़ती का अर्थ है -


A) बुरे दिन हमेशा नहीं रहते
B) लकड़ी का बर्तन अग्नि से जल सकता है
C) छल-कपट का व्यवहार हमेशा नहीं चलता
D) दुर्भाग्य की मार बार-बार नहीं होती

Answer : C

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निर्देश :- नीचे दिए गए प्रत्येक प्रश्न में वाक्य के पहले और अंतिम भागों को क्रमश: 1 और 6 की संख्या दी गयी है | इनके बीच में आने वाले अंशो को चार भागों में बाँटकर य, र, ल, व, की संख्या दी गयी है | ये चारों भाग उचित क्रम में नहीं हैं इन्हें ध्यान से पढ़कर दिए गए विकल्पों में से उचित क्रम चुनिए जिससे वाक्य का निर्माण हो |

 

(1) गृहिणी गृहस्थ जीवनरुपी नौका की वह पतवार है

(य) इस नौका को

(र) बचाती हुई

(ल) थपेड़ों और भंवरों से

(व) जो अपनी बुद्धिबल, चरित्रबल और त्यागमय जीवन से

(6) किनारे तक पहुँचाती है।

 


A) य र ल व
B) र ल य व
C) ल र व य
D) व य ल र

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नवल सुन्दर श्याम शरीर में कौन-सा अलंकार है ?


A) उल्लेख
B) उपमा
C) रुपक
D) अतिशयोक्ति

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‘ग्रस्त’ का विपरीतार्थक शब्द है -


A) मुक्त
B) सुप्त
C) लुप्त
D) ग्राह्रा

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कौन-सा शब्द ‘अहि’ का पर्यायवाची नहीं है ?


A) उरग
B) सरीसृप
C) पवनाश
D) सिंधुर

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वह सायंकालीन बेला जब पशु वन से चरकर लौटते हैं


A) गोधूलि
B) सूर्यास्त
C) सायं बेला
D) अपरान्ह

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