Question :
A) आरोही मूल
B) अवस्तंभ मूल
C) श्वसन मूल
D) अपस्थानिक मूल
Answer : C
केले के पौधे की जड़ है-
A) आरोही मूल
B) अवस्तंभ मूल
C) श्वसन मूल
D) अपस्थानिक मूल
Answer : C
Description :
केले के पौधे में स्वसन मूल (Respiretory root) होता है।
आरोही मूल (Climbing root) – इस प्रकार की जड़ तना से निकलात है तथा पौधे को आधार (Support) पर चढ़ने में मदद करती है।
Ex. पान (Betel) Money Plant
अपस्थानिक जड़ (Adventitious root)- वैसे जड़ जो मूलांकुर (radical) को छोड़कर पौधे के किसी अन्य भाग से निकलता है अपस्थानिक जड़ कहलाता है।
Ex. शकरकंद, गन्ना बरगद।
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अधिकांश ईधन (Fuel) के रुप में प्रयुक्त पौधे प्राप्त होते हैं-
A) माइमोसोएडी (Mimoseae)
B) ग्रेमिनी (Gramineae)
C) मालवेसी (Malvaceae)
D) क्रूसीफेरी (Cruciferae)
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ग्लूकोज के जल तथा CO2 के पूर्ण अपघटन में ATP अणु उत्पन्न होते हैं -
A) 11
B) 12
C) 36
D) 38
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वाइरस होते है -
A) एककोशिकीय (Unicellular)
B) अकोशिकीय (Acellular)
C) बहुकोशिकीय (Multicellular)
D) स्वतंत्र जीन (Independent genes)
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शीतकाल के तुषार पाने का वितरण कहाँ पाया जाता है ?
A) कम तापमान पर वाष्पोत्सर्जन नही होता
B) ऊतकों में निर्जलीकरण तथा यांत्रिक क्षति हो जाती है
C) कम तापक्रम पर श्वसन क्रिया रूक जाती है
D) कम तापक्रम पर प्रकाशसंश्लेषण नहीं होता
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अधिकांश शैवाल में संग्रहित भोज्य पदार्थ (Reserve food) है-
A) Glycogen
B) Fat
C) Cellulose
D) Starch और oil