Question :

नाभिकीय रिऐक्टर में विमन्दक का कार्य -


A) द्वितीयक (secondary) न्यूट्रॉनों की संख्या को विमन्दित करना है
B) द्वितीयक न्यूट्रॉनों को धीमा करना है
C) विखंडनीय नाभिकों की संख्या में वृद्धि करना है
D) विखंडन अभिक्रिया का नियंत्रण करना है

Answer : B

Description :



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ध्वनि की प्रबलता का निर्धारण उसके -


A) आयाम से करते हैं
B) आवृति से करते हैं
C) तरंग दैर्घ्य से करते हैं
D) वेग से करते हैं

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विद्युत् परिपथों में, फ्यूजों की अपेक्षा लघु-परिपथ-भंजन (M.C.B) को प्राथमिकता दी जाती हैं क्योंकि -


A) MCB ओवरलोडिगं का वहन आग लगे बिना कर लेता है
B) फ्यूज की तुलना में MCB सस्ता है
C) ओवरलोड को दूर करने के बाद, को एक लीवर दबाकर (M.C.B) पुनः सैट किया जा सकता है
D) फ्यूज उचित कार्यदर की धारा के अनुसार उपल्ब्ध नहीं होते

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एक गोल पीपे (बैरल) को खींच कर ले जाने की अपेक्षा लुढ़काना सुगम होता है क्योंकि - 


A) खींचने पर पीपे का संपूर्ण भार कार्यरत होता है।
B) सर्पी-घर्षण (sliding friction) की तुलना में लोटनिक घर्षण (rolling friction) कम होता हैं।
C) खींचते समय पीपे की सतह का अधिक क्षेत्रफल सड़क के संपर्क में आता है।
D) उपरोक्त के अलावा कई अन्य कारण हैं

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माख-संख्या का संबंध - 


A) ध्वनि के वेग से है
B) जलयान के वेग से है
C) वायुयान के वेग से है
D) अंतरिक्ष यान के वेग से है

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किसी वस्तु का वास्तविक प्रतिबिम्ब प्राप्त करने हेतु आवश्यक दर्पण कौन-सा होगा ?


A) समतल दर्पण
B) अवतल दर्पण
C) उत्तल दर्पण
D) कोई भी दर्पण वास्तिविक प्रतिबिम्ब नहीं बना सकता

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