Question :
A) द्वितीयक (secondary) न्यूट्रॉनों की संख्या को विमन्दित करना है
B) द्वितीयक न्यूट्रॉनों को धीमा करना है
C) विखंडनीय नाभिकों की संख्या में वृद्धि करना है
D) विखंडन अभिक्रिया का नियंत्रण करना है
Answer : B
नाभिकीय रिऐक्टर में विमन्दक का कार्य -
A) द्वितीयक (secondary) न्यूट्रॉनों की संख्या को विमन्दित करना है
B) द्वितीयक न्यूट्रॉनों को धीमा करना है
C) विखंडनीय नाभिकों की संख्या में वृद्धि करना है
D) विखंडन अभिक्रिया का नियंत्रण करना है
Answer : B
Description :
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क्रिकेट की घूमती गेंद का वायु में इधर-उधर उछाल (दोलन, स्विंग) निम्नलिखित आधार के अनुसार स्पष्ट किया जा सकता है -
A) वायु बहाव की दिशा में अचानक परिवर्तन
B) वायु उत्प्लावन
C) वायु द्वारा उत्पन्नन विक्षोभ
D) बर्नूली प्रमेय (Bernoulli’s theorem)
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डॉक्टरों द्वारा रोगी व्यक्ति के पेट की आन्तरिक परीक्षा हेतु प्रयुक्त अंतर्दर्शी प्रकाश के -
A) परावर्तन पर निर्भर है
B) प्रकीर्णन पर निर्भर है
C) अपर्वतन पर निर्भर है
D) पूर्ण आन्तरिक परावर्तन पर निर्भर है
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पराश्रव्य तरंगों का उपयोग -
A) गहरे जल में डूबी वस्तुओं की खोज तथा उनकी गहराई ज्ञात करने हेतु किया जाता है
B) यकृत, लीवर, अग्न्याशय (pancreas) वृक्क (kidneys) ह्रदय जैसे मानव अंगों के रोगों व असमानताओं के निदान हेतु किया जाता है
C) तेल व खनिज विक्षेपों के भूमिगत चित्रांकनों हेतु किया जाता है
D) उपरोक्त सभी प्रयोजनों हेतु किया जाता है
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समतल दर्पण द्वारा बनी प्रतिबिम्ब -
A) वास्तविक होता है
B) आभासी होता है
C) पटल पर बन सकता है
D) वस्तु से जरा सा छोटा बनता है
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पृथ्वी की आयु का आकलन -
A) यूरेनियम काल-निर्धारण हेतु किया जाता है
B) कार्बन-काल निर्धारण से किया जा सकता है
C) परमाणु-घड़ी की सहायता से किया जा सकता है
D) जैव-घड़ी की सहायता से किया जा सकता है