बिहार में मुगल स्थापत्य कला का उदाहरण
A) पटना स्थित सांगी मस्जिद
B) मनेर स्थित शाह दौलत का मकबरा
C) पटना में स्थित सैफ खां का मकबरा
D) उपर्युक्त सभी
Answer : D
Description :
बिहार में मुगल स्थापत्य कला का उदाहरण है - मनेर स्थित शाह दौलत का मकबरा। मुगल काल में ही बना स्थापत्य कला का नमूना मनेर में स्थित मखदूम शाह दौलत का मकबरा है, जिसे छोटी दरगाह के नाम से जाना जाता है। इस पर अकबरकालीन स्थापत्य का प्रभाव है। फुलवारी शरीफ में अवस्थित सांगी मस्जिद भी प्रारंभिक मुगल शैली में बनी हुई है। पटना के मदरसा घाट में 1630 ई. में बनी मदरसा मस्जिद भी मुगल शैली में ही बनी हुई है। पटना शहर में अवस्थित को तत्कालीन मुगल सूबेदार सैफ खाँ की बनवाई मस्जिद पर शाहजहाँ कालीन अलंकृत मुगल शैली का प्रमाण स्पष्ट है। परवर्ती मुगल शैली पर आधारित पटना में अवस्थित नवाब हैबतजंग का मकबरा भी महत्वपूर्ण है। यह अपनी सुन्दर जालियों के लिए मशहूर है। इसका निर्माण 1748 ई. के आसपास हुआ था।
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निम्नलिखित में से कौन-सा कथन असत्य है?
A) वर्ष 2007 में विश्व बैंक की सहायता से बिहार में निर्धनों को रोजगार तथा आर्थिक उत्थान के लिए जीविका परियोजना प्रारंभ की गई
B) बिहार में स्थित खाकी बाबा राम जानकी मंदिर, हिलसा देश का पहला मंदिर है जिसका प्रबंधन एक दलित ट्रस्ट के माध्यम से किया जाएगा।
C) यूनेस्को रिपोर्ट के अनुसार बिहार में बाल मजदूरों की संख्या 11 लाख है।
D) मानव संसाधन विकास मंत्रालय रिपोर्ट के अनुसार देश में स्कूली शिक्षा सर्वाधिक एवं न्यूनतम सुधार वाले राज्य केरल एवं ओडिशा है।
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