भोजपुर में उज्जैनिया वंश का संस्थापक कौन था?
A) भोजराज
B) संग्राम देव
C) संतन सिंह
D) सोमराज
Answer : C
Description :
धार मालवा पर अलाउद्दीन खिलजी का अधिकार हो जाने के बाद भोजराज ने अपने पुत्र देवराज एवं अन्य राजपूत अनुयायियों के साथ अपना पैतृक स्थान छोड़कर बिहार के चेरो राजा मुकुन्द के यहाँ शरण ली। तत्पश्चात् मुस्लिम आक्रमण में राजा मुकुन्द मारा गया एवं तब उसका पुत्र सहसबल चेरो राजा बना, जिसने भोजराज को मार डाला। बदले में देवराज ने सहसबल को मारकर 1324 ई. में चेरो राज्य पर अधिकार कर लिया एवं भोजपुर नामक नगर की स्थापना की। देवराज सन्तन सिंह के नाम से उज्जैनों का राजा बना एवं इसका राज्य भोजपुर कहलाया। अतः इसे भोजपुर में उज्जैनिया वंश का संस्थापक कहा जाता है। सतन सिंह का मूल नाम देवराज था। सतन सिंह उज्जैन राजपूत थे इसलिए इनका वंश उज्जैनिया वंश कहलाया। यह उज्जैनी, डुमराव, बक्सर एवं जगदीशपुर में एक महत्वपूर्ण शक्ति थे।
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बिहार में नन्द वंश की स्थापना किसने की थी?
A) महापद्मनन्द
B) काकवर्ण
C) घनानंद
D) नागदशक
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बिहार सहित पूर्वी भारत में आर्यों का आगमन कब हुआ था ?
A) ऋग्वैदिक काल में
B) महाजनपद काल में
C) उत्तर वैदिक काल में
D) गुप्त काल में
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आजाद दस्ता का गठन किसलिए हुआ था?
A) अंग्रेजों की हत्या करने के लिए
B) तोड-फोड़ की कार्रवाईयों के लिए
C) युद्ध कार्यों में सरकार को बाधा पहुँचाने के लिए
D) उपर्युक्त (2) एवं (3) दोनों के लिए
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किस वर्ष में विजयवाड़ा में तिलक स्वराज कोष जमा करने का निर्णय किया गया था?
A) 1921 ई.
B) 1922 ई.
C) 1924 ई.
D) 1923 ई.