Question :

चन्द्रगुप्त मौर्य के राज प्रासाद के बारे में किसने कहा है कि "यह प्रासाद मानव कृति नहीं है वरन् देवों द्वारा निर्मित है।"


A) ह्वेनसांग
B) फाहियान
C) मेगास्थनीज
D) चाणक्य

Answer : B

Description :


चन्द्रगुप्त मौर्य के राजप्रसाद के बारे में फाहियान ने कहा है कि "यह प्रसाद मानव कृत्रिम नहीं है वरन देवों द्वारा निर्मित है।" फाहियान चीनी यात्री था और चन्द्रगुप्त द्वितीय के शासनकाल में बौद्ध स्थान देखने के उद्देश्य से भारत आया था। उसने पवित्र बौद्ध स्थलों संकिसा , श्रावस्ती, राजगृह, बोधगया, सारनाथ, कपिलवस्तु, वैशाली आदि की यात्रा की। उसने श्रावस्ती का जेतवन विहार तथा पाटलिपुत्र में मौर्य के राजमहल की प्रशंसा की।


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बिहार सहित पूर्वी भारत में आर्यों का आगमन कब हुआ था ?


A) ऋग्वैदिक काल में
B) महाजनपद काल में
C) उत्तर वैदिक काल में
D) गुप्त काल में

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बिहार राज्य की भू-आकृति किस आकार की है?


A) त्रिभुजाकार
B) आयताकार
C) वर्गाकार
D) अण्डाकार

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होमरूल आंदोलन के दौरान श्रीमती एनीबेंसेट पटना कब आई थी?


A) 18 जुलाई एवं 25 अगस्त 1918
B) 18 जनवरी एवं 25 फरवरी 1918
C) 18 एवं 25 मार्च 1918
D) 18 अप्रैल एवं 25 जुलाई 1918

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निम्न में से कौन-सा कार्य शेरशाह द्वारा नहीं किए गए?


A) देश की भूमि का सर्वेक्षण
B) ग्रैंडट्रंक रोड (सड़क-ए-आजम)
C) इबादत खाना का निर्माण
D) किसानों को पट्टा देने तथा कबूलियत की प्रथा का आरंभ

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बिहार में स्थित कहलगाँव ताप विद्युत गृह के संबंध में सत्य कथन कौन-सा है?


A) कहलगाँव ताप विद्युत गृह भागलपुर में स्थित है।
B) बिहार में स्थापित कहलगांव ताप विद्युत गृह, जो राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम की इकाई है, रुस के सहयोग से स्थापित की गई थी।
C) कहलगाँव ताप विद्युत गृह की उत्पादन क्षमता द्वितीय चरण पूरा हो जाने पर 2340 मेगावाट हो जाएगी।
D) उपर्युक्त सभी

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