उद्गम स्रोतों के आधार पर उत्तर प्रदेश में कितने प्रकार की नदियाँ पायी जाती हैं?
A) 03
B) 04
C) 05
D) 02
Answer : A
Description :
उद्गम स्थलों के आधार पर उत्तर प्रदेश की नदियों को तीन प्रकारों में विभाजित किया जाता है-
(1) हिमालय के विभिन्न श्रेणियों से निकलने वाली नदियाँ। इन नदियों में वर्ष भर जल बना रहता है। जैसे- गंगा, यमुना, काली, रामगंगा, घाघरा इत्यादि।
(2) उत्तर प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों में स्थित झीलों एवं दलदलों से निकलने वाली नदियाँ। इन नदियों में ग्रीष्म ऋतु में जल काफी कम हो जाता है परन्तु सूखती नहीं हैं। जैसे- गोमती, वरुणा, सई इत्यादि।
(3) उत्तर प्रदेश के दक्षिण में स्थित पठारों तथा विन्ध्य श्रेणियों से निकलने वाली नदियों। इन नदियों में ग्रीष्म ऋतु मे जल का अभाव रहता है और प्रायः सूख भी जाती हैं। जैसे-सोन, रिहन्द, टोंस, केन, चम्बल इत्यादि।
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बनारस एवं इलाहाबाद में तीर्थयात्रा कर की समाप्ति के लिए किसने बादशाह के सामने बनारस के पंडितों का नेतृत्व किया था?
A) हरनाथ
B) जग्गनाथ
C) कवींद्राचार्य
D) कवि हरिराम
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दीर्घकालीन योजना प्रभाग की स्थापना कब की गई थी?
A) 1971-72
B) 1972-73
C) 1973-74
D) 1974-75
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उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक, पुरातात्विक एवं कलात्मक निधि की देख-रेख करने के लिए स्थापित संस्कृति विभाग के कार्यों में कौन सा कार्य सम्मिलित नहीं है?
A) उसका संरक्षण एवं प्रदर्शन
B) उसका प्रदर्शन
C) उसका अभिलेखीकरण
D) उसकी बिक्री