Question :

‘ युधिष्ठिर ’ किस समास का समस्तपद है?


A) कर्मधारय
B) अधिकरण तत्पुरुष
C) अलुक् तत्पुरुष
D) नज्ञ् तत्पुरुष

Answer : C

Description :


‘युधिष्ठिर’ में अलुक् तत्पुरुष समास है। इसमें समास करने पर पूर्वपद की विभक्ति का लोप नहीं होता है, जैसे – युधिष्ठिर – युद्धि (युद्ध में) + स्थिर = ज्येष्ठ पांडव, खेचर-खे (आकाश) + चर (विचरने वाला) = पक्षी।

नोंटः ‘नञ्’ तत्पुरुष समास का उपभेद है। नञ् तत्पुरुष में पहला खण्ड नकारात्मक (न-उपसर्ग) होता है, जैसे – अनादि, अन्याय, निर्बल, निर्दोष, अनपढ़, अनिष्ट।

 

कर्मधारय समास – जब कोई एक खण्ड विशेषण या उपमासूचक शब्द हो, तो कर्मधारय समास कहलाता है।

अधिकरण तत्पुरुष – इसमें कारक चिह्र- ‘में’, ‘पर’ का लोप हो जाता है, जैसे – आपबीती (आप पर बीती), जलमग्न (जल में मग्न)।


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अधोलिखित शब्दों में से किस शब्द में तत्पुरुष समास है?


A) मुनिवर
B) सुसंग
C) पराधीन
D) दत्तचित्त

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'व्यर्थ' में कौन-सा समास है?


A) द्विगु
B) द्वन्द्व
C) अव्ययीभाव
D) तत्पुरुष

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‘तुलसीकृत’ में कौन-सा समास है?


A) कर्मधारय समास
B) द्वंद्व समास
C) द्विगु समास
D) तत्पुरुष समास

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कौन-सा अधिकरण तत्पुरुष समास नहीं है?


A) पुरुषोत्तम
B) देशाटन
C) कुलश्रेष्ठ
D) धर्मभ्रष्ट

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‘ कनफटा ’ किस समास-भेद का उदाहरण है-


A) बहुव्रीहि
B) द्वंद्व
C) अव्ययीभाव
D) कर्मधारय

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