Question :

विसर्ग सन्धि है-


A) निष्कर्म
B) संयोग
C) सदैव
D) गिरीश

Answer : A

Description :


निष्कर्म शब्द में ‘विसर्ग संधि’ है, इसका विच्छेद निः + कर्म है। शेष विकल्प- सम् + योग = संयोग (व्यंजन संधि), सदा + एव = सदैव (वृद्धि संधि), गिरि + ईश = गिरीश (दीर्घ संधि)


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‘अक्षोहिणी’ का सन्धि-विच्छेद है-


A) अक्षः + हिणी
B) अक्ष + ऊहिनी
C) अक्षो + अहिणी
D) अक्ष + ओहिणी

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‘विद्याभ्यास’ का सन्धि-विच्छेद क्या होगा?


A) विद्या + अभयास
B) विद्य + अभ्यास
C) विद्या + अभ्यास
D) विद्या + भ्यास

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राजेन्द्र शब्द में सन्धि है=


A) वृद्धि
B) गुण
C) यण्
D) दीर्घ

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‘गौः + चरति’ की सन्धि है-


A) गोस्चरति
B) गौचरति
C) गौश्चरति
D) गौहचरति

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अ + इ = ए, अ + उ = ओ, स्वर संधि के किस भेद को व्यक्त करता है?


A) दीर्घ संधि
B) वृद्धि संधि
C) गुण संधि
D) यण् संधि

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