यूपी पुलिस एसआई ऑनलाइन टेस्ट इन हिंदी २०२१
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Question - 1


निर्देश (प्रश्न संख्या 1 से 6 तक) निम्नलिखित गद्यांश पर आधारित प्रश्नों के सही उत्तर चुनिए।

 

साहित्य समाज का दर्पण है। इसका सम्बन्ध व्यष्टि से न होकर समष्टि से है, क्योंकि समाज में जो आचार-विचार, वेशभूषा, नीति-मर्यादा प्रचलन में होती है, उसका प्रत्यक्ष प्रभाव साहित्य पर अवश्य पड़ता है। चाहे वह किसी भी काल का प्रतिनिधित्व क्यों न करता हो। इस प्रकार साहित्य सामाजिक उन्नति से प्रभावित भी होता है और सामाजिक उन्नति को प्रभावित करने का भी सामर्थ्य रखता है। विद्वानों ने इस सन्दर्भ में कहा है- “साहित्य संगीत, कला विहीनः साक्षात् पशु पुच्छ विषाण हीनः।” वाल्तेयर ने साहित्य को समाज का आदर्श गुरु माना है जो अपने मार्ग-दर्शन से प्रत्येक आयु वर्ग के व्यक्ति को एक आदर्श मार्ग दिखलाता है। जब तक साहित्य में समाज का स्पन्दन होता रहता है, वह अमर एवं सजीव साहित्य कहलाता है, किन्तु जिस साहित्य में अश्लीलता, काल्पनिकता एवं अव्यावहारिकता है, वह साहित्य समाज का सच्चा प्रतिनिधित्व नहीं करता।

 

मध्यकालीन साहित्य मनुष्य के संघर्ष, उसकी चाटुकारिता, मनुष्य के पतन की पराकाष्ठा एवं जातीय संघर्ष को मुखरित करता है, जबकि आधुनिक साहित्य जड़-परम्पराओं को त्यागने, प्रतिस्पर्धा में स्वयं के आगे निकलने एवं अपनी सांस्कृतिक पहचान को बचाये रखने के जीवट संघर्ष का समीचीन प्रतीक है। सच तो यह है कि साहित्य एक ओर समाज को अपने अतीत से प्रेरणा देता है, वहीं दूसरी ओर समाज में घट रही घटनाओं को अपने लेखन का आधार बनाता है। इतिहास का मौलिक परिष्कार, संस्कार एवं सुकाल्पनिक विन्यास ही साहित्य है। जिस समाज या राष्ट्र का साहित्य पतन की ओर अग्रसर है वहाँ की युवा पीढ़ी का भविष्य भी शोचनीय है।

 

 प्रश्न- गद्यांश का उचित शीर्षक होगा-



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