बिहार पुलिस कांस्टेबल ऑनलाइन टेस्ट इन हिंदी
Question - 1
निर्देश (1-5) : निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के सही उत्तर दीजिए।
अपने वर्णनों में कवी लोग उपमा आदि का भी सहारा लिया करते हैं | वे, जिस वस्तु के वर्णन का प्रसंग होता है, उस वस्तु के समान कुछ और वस्तुओं का उल्लेख भी किया करते है, जैसे मुख को चंद्र या कमल के समान, नेत्रों को मीन, खंजन, कमल आदि के समान प्रतापी या तेजस्वी को सूर्य के समान, कायर को श्रृंगाल के समान, वीर और पराक्रमी को सिंह के समान प्रायः कहा करते हैं | ऐसा कहने में उनका वास्तविक लक्ष्य यही होता है की जिस वस्तु का वे वर्णन कर रहे हैं, उसकी सुंदरता, कोमलता, मधुरता या उग्रता, कठोरता, भीषणता, वीरता, कायरता इत्यादि की भावना और तीव्र हो जाए | किसी के मुख की मधुरकांति की भावना उत्पन्न करने के लिए कवि उस मुख के साथ एक और अत्यंत मधु कांतिवाला दूसरा पदार्थ - चंद्रमा भी रख देता है, जिससे मधुर कांति की भावना और भी बढ़ जाती है | सारांश यह की उपमा का उद्देश्य भावना को तीव्र करना ही होता है, किसी वस्तु का बोध या परिज्ञान कराना नहीं | बोध या परिज्ञान कराने के लिए भी एक वस्तु को दूसरी वस्तु के समान कह देते हैं | जैसे - जिसने हारमोनियम बाजा न देखा हो उससे कहना, “अजी ! वह संदूक के समान होता है | ” पर इस प्रकार की समानता उपमा नहीं |
प्रश्न-1 : कवि के वर्णनों में किस का सहारा लिया गया है ?