UPSSSC Junior Assistant Mock Test in Hindi
Question - 1
निर्देश (प्र.स. 1-3) : अनुच्छेद को पढ़कर पूछे गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
सच्चा उत्साह वही होता है, जो मनुष्य को कार्य के लिए प्रेरणा देता है। मनुष्य किसी भी कारणवश जब किसी के कष्ट को दूर करने का संकल्प करता है, तब जिस सुख को वह अनुभव करता है, वह सुख विशेष रूप से प्रेरणा देने वाला होता है। जिस भी कार्य को करने के लिए मनुष्य में कष्ट, दुख या हानि को सहन करने की ताकत आती है, उन सबसे उत्पन्न आनंद उत्साह कहलाता है। उदाहरण के लिए दान देने वाला व्यक्ति निश्चय ही अपने भीतर एक विशेष साहस रखता है और वह हैं धन-त्याग का साहस। यही त्याग यदि मनुष्य प्रसन्नता के साथ करता है, तो उसे उत्साह से किया गया दान कहा जाएगा। उत्साह, आनंद और साहस का मिला-जुला रूप है। उत्साह में किसी-न-किसी वस्तु पर ध्यान अवश्य केंद्रित होता है। वह चाहे कर्म पर, चाहे कर्म के फल पर और चाहे व्यक्ति या वस्तु पर हो। इन्हीं के आधार पर कर्म करने में आनंद मिलता है। कर्म भावना से उत्पन्न आनंद का अनुभव केवल सच्चे वीर ही कर सकते है, क्योंकि उनमें साहस की अधिकता होती है। सामान्य व्यक्ति कार्य पूरा हो जाने पर जिस आनंद का अनुभव करता है, सच्चा वीर कार्य प्रारंभ होने पर ही उसका अनुभव कर लेता है। आलस्य उत्साह का सबसे बड़ा शत्रु है। जो व्यक्ति आलस्य से भरा होगा, उसमें कार्य करने के प्रति उत्साह कभी उत्पन्न नहीं हो सकता। उत्साही व्यक्ति असफल होने पर भी कार्य करता रहता है। उत्साही व्यक्ति सदा दृढ़-निश्चयी होता है।
प्रश्न-1 : 'सच्चा उत्साह वही होता है जो मनुष्य को कार्य करने के लिए प्रेरणा देता है।' रेखांकित उपवाक्य का प्रकार है-