‘झूम’ है ___________________
A) एक लोक नृत्य
B) एक नदी घाटी का नाम
C) एक जनजाति
D) कृषि का एक तरीका
Answer : D
Description :
‘झूम’ कृषि का एक तरीका है। यह आदिवासियों द्वारा पर्वतीय इलाकों में जँगल को काटकर, जला कर जमीन तैयार कर फसल उगाई जाती है। फिर कुछ वर्षो बाद जमीन की उर्वरा शक्ति समाप्त हो जाती है। तब उस स्थान को छोड़कर वह आगे के जंगलों को काटकर पुनः खेती करते हैं। इस प्रकार स्थान बदल-बदल खेती करने का तरीका स्थानान्तरित कृषि कहलाती है। स्थानान्तरित कृषि को उत्तर-पूर्वी राज्यों में झूम की खेती या झूमिंग कृषि कहते हैं। वर्तमान में भारत सरकार इस प्रकार कृषि को प्रतिबंधित कर दिया है। क्योंकि इसे मिट्टी का अपरदन होने के साथ-साथ पर्यावरण को हानि पहुँचता है। इसे ‘काटो और जलाओं’ कृषि भी कहते हैं। अलग-अलग राज्यों में इसे अलग-अलग नाम से पुकारते हैं।
मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ से - दीपा
राजस्थान में - बत्रा
उड़ीसा में - कुमान
केरल में - कुमारी
आन्ध्र प्रदेश में - पोडू
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दक्षिणी पश्चिमी मानसून की अवधि में तमिलनाडु शुष्क रहता है क्योंकि -
A) पवनें इस क्षेत्र तक नहीं पहुंचती।
B) इस क्षेत्र में कोई पर्वत नहीं हैं।
C) यह क्षेत्र वृष्टि छाया प्रदेश में स्थित है।
D) इस क्षेत्र का ऊंचा तापमान पवनों के ठंडा होने में अवरोध उत्पन्न करता है ।
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रेशा फसलें निम्नलिखित में से कौन सी है?
A) जूट, गन्ना, अलसी
B) कपास, मक्का, तम्बाकू
C) कपास, सन, जूट
D) सन, कपास, मक्का
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मोनो कल्चर एक विशिष्ट लक्षण है-
A) स्थानांरित कृषि व्यवस्था का
B) आजीविका कृषि का
C) व्यापारिक अनाज की कृषि
D) विशिष्ट बागवानी
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हरित क्रान्ति का अर्थ है-
A) कृषि की आधुनिक विधियों के प्रयोग द्वारा एकल फसल की उपज को बढ़ाना
B) अधिक-से-अधिक पेड़ लगाना
C) कृषक क्रान्ति
D) सामाजिक वानिकी