निर्देश :- नीचे दिए गए प्रत्येक प्रश्न में वाक्य के पहले और अंतिम भागों को क्रमश: 1 और 6 की संख्या दी गयी है | इनके बीच में आने वाले अंशो को चार भागों में बाँटकर य, र, ल, व, की संख्या दी गयी है | ये चारों भाग उचित क्रम में नहीं हैं इन्हें ध्यान से पढ़कर दिए गए विकल्पों में से उचित क्रम चुनिए जिससे वाक्य का निर्माण हो |
(1) हमें यह समझ लेना चाहिए कि
(य) एक सुन्दर स्वरुप है और यह भी मानना होगा कि
(र) धर्म की भाषा अधिक स्पष्ट, मूर्त्त और परिष्कृत
(ल) होती गई है और इसके लिए बहुत हद तक
(व) धर्म मानव जाति की मूलगत अनुभूनितों का
(6) विज्ञान ही उत्तरदायी है।
A) य र ल व
B) र ल व य
C) व य र ल
D) व य ल र
Answer : C
Description :
Related Questions - 1
रसास्वादन
A) किसी रस से भरा होना
B) किसी विषय में मस्त रहना
C) किसी रस का उपभोग करना
D) किसी बात में रुचि लेना
Related Questions - 2
Related Questions - 3
मूक होइ वाचाल पंगु चढई गिरिवर गहन।
जसु कुपा सो दयाल द्रवहु सकल कलिमल दहन।।
प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा छंद है ?
A) दोहा
B) चौपाई
C) सोरठा
D) बरवै
Related Questions - 4
निर्देश :- नीचे दिए गए प्रत्येक प्रश्न में वाक्य के पहले और अंतिम भागों को क्रमश: 1 और 6 की संख्या दी गयी है | इनके बीच में आने वाले अंशो को चार भागों में बाँटकर य, र, ल, व, की संख्या दी गयी है | ये चारों भाग उचित क्रम में नहीं हैं इन्हें ध्यान से पढ़कर दिए गए विकल्पों में से उचित क्रम चुनिए जिससे वाक्य का निर्माण हो |
(1) वैसे देखा जाए तो
(य) प्रकृति स्वयं उस शक्ति का निर्माण करती है, जो
(र) नाना प्रकार के दाहक और पाचक रसों के रुप में
(ल) उदर के भीतर कोई अग्नि की ज्वाला नहीं है, किन्तु
(व) नाना भाँति के खाद्य पदार्थो अर्थात् भोज्य को
(6) पचा सकती है।
A) ल य र व
B) य र व ल
C) ल र य व
D) र य व ल