MP TET Varg 3 Mock Test in Hindi (PRT)
Question - 1
निर्देश (प्रश्न संख्या 1 से 5 तक) : निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही/सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प को चुनिए ।
"साहित्य का आधार जीवन है। इसी आधार पर साहित्य की दीवार खड़ी होती है। उसकी अटारियाँ, मीनार और गुम्बद बनते हैं। लेकिन बुनियाद मिट्टी के नीचे दबी पड़ी है। जीवन परमात्मा की सृष्टि है। इसलिए सुबोध है, सुगम है और मर्यादाओं से परिमित है। जीवन परमात्मा को अपने कामों का जवाबदेह है या नहीं, हमें मालूम नहीं, लेकिन साहित्य मनुष्य के सामने जवाबदेह है। इसके लिए कानून हैं, जिनसे वह इधर उधर नहीं जा सकता। मनुष्य जीवनपर्यंत आनन्द की खोज में लगा रहता है। किसी को यह रत्न द्रव्य में मिलता है, किसी को भरे पूरे परिवार में, किसी को लम्बे चोड़े भवन में, किसी को ऐश्वर्य में, लेकिन साहित्य का आनन्द इस आनन्द से ऊँचा है। उसका आधार सुन्दर और सत्य है। वास्तव में सच्चा आनन्द सुन्दर और सत्य से मिलता है, उसी आनन्द को दर्शाना, वही आनन्द उत्पन्न करना साहित्य का उद्देश्य है ।"
प्रश्न-1 : प्रस्तुत गद्यांश के अनुसार साहित्य और जीवन में गहरा सम्बन्ध है क्योंकि-