Bihar Police Constable Mock Test in Hindi
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Question - 1


निर्देश (1-5) : निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के सही उत्तर दीजिए।

 

यूरोप के लोगों में बात करने का हुनर है। आर्ट ऑफ कर्न्वेसशन यहा तक बढ़ा है की स्पीच और लेख दोनों इसे नहीं पाते। इसकी पूर्ण शोभा काव्यकला प्रवीण विद्वन्मंडली में है। ऐसे चतुराई के प्रसंग छेड़े जाते हैं कि जिन्हें सुनकर कान को अत्यंत सुख मिलता है। सयुद गोष्ठी इसी का नाम है। सुह्रद गोष्ठी की बातचीत की यह तारीफ है कि बात करने वालों की लियाकत अथवा पडनीति का अभिमान या कपट कहीं एक बात में भी प्रकट न हो, वरन क्रम में रसाभास पैदा करने वाले शब्दों की बरकती हुए चतुर शास्त्रार्थ कहते हैं, कभी आवेगा ही नहीं। सुर्ग और बटेर की लड़ाइयों की झपटा झपटी के समान उनकी नीरस कॉव-कॉव में सरस संलाप की चर्चा ही चलानाव्यर्थ है, वर्ण कपट और एक दूसरे को अपने पांडित्य के प्रकाश के बाद में परास्त करने का संघर्ष आदि रसाभास की सामग्री वहाँ बहुतायत के साथ आपकों मिलेगी। घंटे भी तक काँव-काँव करते रहेंगे तो कुछ न होगा। बड़ी-बड़ी कंपनी और कारखाने आदि बड़े से बड़े काम इसी तरह पहले दो-चार दोस्तों की बातचीत से शुरु किये गए। उपरांत बढ़ते-बढ़ते यहाँ तक बढ़े की हजारों मनुष्यों की उनसे जीविका चलने लगी और साल में लाखों की आमदनी हनी लगी। पच्चीस वर्ष के ऊपरवालों की बातचीत अवश्य ही कुछ न कुछ सारगर्भित होती होगी, अनुभव और दूरंसहि से खाली ना होगी और पच्चीस के नीचे की बातचीत में यद्यपि अनुभव, दूरदर्शिता और गौरव नहीं पाया जाता, पर इसमें एक प्रकार का ऐसा दिलबहलाव और ताजगी रहती है जिसकी मिठास उससे दस गुनी चढ़ी-बढ़ी है।

 

प्रश्न-1 : गद्यांश के अनुसार कहाँ के लोगों में आर्ट ऑफ कन्वर्सेशन पाया जाता है?



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