Bihar Police Constable Mock Test in Hindi
Question - 1
निर्देश (1-5) : निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के सही उत्तर दीजिए।
कोसी के अंचल में बसे गाँव शुरु से ही बंजर और बीमारियों से ग्रस्त रहे। उसे शोक की नदी कहा जाता था। ऐसे ही महौल में मैं भी जिदंगी जी रहा था। पता नहीं कब काल का ग्रास बन जाऊँ। कोसी नदी जहाँ से निकलती वहीं सब चपाट कर जाती। और पीछे बंजर और तबाही को छोड़ जाती थी। उसकी तबाही में मलेरिया और कालाजार जैसी बीमारियाँ लोगों को निगले जा रही थी। सूखे शरीर बनो मांसरहित नरकंकालों की भांति दिखाई देते। बारहों महीने, दिन-रात, वीरान और धूसर दिखाई पड़ती। दूर तक बंजर बादामी जमीन न कहीं। कोई हरियाली न जल। बस ऐसा लगता कि आजकल में ये हमें भी निगल जाएगी। किंतु इतने के बाद भी मन से आस न हटती कि कभी यहाँ के दिन भी फिरेंगे और एक दिन यहाँ भी हरियाली, खेत-खलिआन और खुशाहाली अपने पाँव पसारेगी। कभी तो डायन कोसी से निजात मिलेगी। मेरी कल्पना ने ऐसे पांव पसारे की उस जोश में आकर मैंने एक रिपोर्ताज लिख डाली। जिसके लिए मुझे अपने दोस्तों की मजाक को झेलना पड़ता वो मुझे क्या-क्या कह कर चिढ़ाते। फिर एक दिन ऐसा भी आया जब सरकार ने इस बंजर जमीन की सुध ली। चारों तरफ खुशहाली ने पाँव बिखेर दिए। कई साल पहले जो गाँव छोड़ कर बाहर मुल्क चले गए थे। ऐसे सुदामाचरित लोग भी अब वापस अपने गाँव लौट आए थे। वहाँ की फसलों? और नहरों ने उन्हें वापस आने को मजबूर किया। अब इस बंजर जमीं पर किसानों के ट्रैक्टर चलते हुए दिखते हैं। सारी जमीं मानो इंद्रधनुष के सामान लगती है।
प्रश्न-1 : लेखक ने कोसी नदी को क्या कहकर संबोधित किया गया है?